Wednesday, January 12, 2011

स्वीटी राधिका-श्रीजी भजनावली

स्वीटी राधिका राधे-राधे
श्रीजी भजनावली
क्रम संख्या - १ 
नंदोत्सव - नन्द के आनंद भयो - ब्रज मैं आनंद भयो - जय कन्हैया लाल की
हे आनंद उमंग भयो जय हो नन्द लाल की
नन्द के आनंद भयो
जय कन्हैया लाल की

हे ब्रज में आनंद भयो
जय यशोदा लाल की
नन्द के आनंद भयो
जय कन्हैया लाल की

हे आनंद उमंग भयो
जय हो नन्द लाल की
गोकुल में आनंद भयो
जय कन्हैया लाल की

जय यशोदा लाल की
जय हो नन्द लाल की
हाथी, घोड़ा, पालकी
जय कन्हैया लाल की

जय हो नन्द लाल की
जय यशोदा लाल की
हाथी, घोड़ा, पालकी
जय कन्हैया लाल की

हे आनंद उमंग भयो
जय कन्हैया लाल की

हे कोटि ब्रह्माण्ड के
अधिपति लाल की
हाथी, घोड़ा, पालकी
जय कन्हैया लाल की

हे गौऐं चराने आये
जय हो पशुपाल की
नन्द के आनंद भयो
जय कन्हैया लाल की

आनंद से बोलो सब
जय हो ब्रज लाल की
हाथी, घोड़ा, पालकी
जय कन्हैया लाल की

जय हो ब्रज लाल की
पावन प्रतिपाल की
हे नन्द के आनंद भयो
जय हो नन्द लाल की
  स्वीटी राधिका राधे-राधे
 

क्रम संख्या-२ 

खेलत कान्ह चले ग्वालनि सँग ।
जसुमति यहै कहत घर आई, हरि कीन्हे कैसे रँग ॥
प्रातहि तैं लागे याही ढँग, अपनी टेक कर्*यौ है ।
देखौ जाइ आजु बन कौ सुख, कहा परोसि धर्*यौ है ॥
माखन -रोटी अरु सीतल जल, जसुमति दियौ पठाइ ।
सूर नंद हँसि कहत महरि सौं , आवत कान्ह चराइ ॥
भावार्थ :-- कन्हाई खेलते हुए गोप-बालकों के साथ चल पड़े । यशोदा जी यह कहते हुए घर लौट आयीं कि `श्याम ने आज कैसा ढंग पकड़ा । सबेरे से इसी धुन में लगा था और(अन्त में) अपनी हठ पूरी करके रहा है । आज जाकर वन का सुख भी देख लो कि वहाँ क्या परोसकर रखा है ।' मक्खन, रोटी और शीतल जल यशोदा जी ने (वन में) भेज दिया । सूरदास जी कहते हैं कि नन्द जी हँसके व्रजरानी से कह रहे हैं --`कन्हाई को गायें चराने आता है ।

  स्वीटी राधिका राधे-राधे
 क्रम संख्या-३ 
छोटो सो मेरो मदन गोपाल 
chhoti chhoti gaiyan,chhote chhote gwaal,
chhoto so mero madan Gopaal,

aage aage gaiyan peechhe gwaal-2
beech mein mero madan gopaal,
beech mein mero madan gopaal,
chhoti chhoti gaiyan……….

chhoti chhoti sakhiyan, madhuban baag-2
raas rachave mero madan gopal,
raas rachave mero madan gopaal,
chhoti chhoti gaiyan…………

ghaas khaaven gaiyan, doodha peeven gwaal-2
maakhan khave mero madan gopal,
maakhan khave mero madan gopaal,
chhoti chhoti gaiyan…………

kaali kaali gaiyan gore gore gwaal-2
shayam waran mere madan gopaal,
shayam waran mere madan gopaal, 
chhoti chhoti gaiyan…………
छोटी-छोटी गैयाँ ,छोटे छोटे ग्वाल ,
छोटो सो मेरो मदन गोपाल ,

आगे आगे गैयाँ पीछे-पीछे ग्वाल -2
बीच में मेरो मदन गोपाल ,
बीच में मेरो मदन गोपाल ,
छोटी-छोटी गैयाँ ……….

छोटी छोटी सखियाँ, मधुबन बाग़-2
रास रचावे मेरो मदन गोपाल ,
रास रचावे मेरो मदन गोपाल ,
छोटी-छोटी गैयाँ …………

घास खावें गैयाँ, दूध पीवें ग्वाल -2
माखन खावे मेरो मदन गोपाल ,
माखन खावे मेरो मदन गोपाल ,
छोटी-छोटी गैयाँ …………

काली-काली गैयाँ गोरे-गोरे ग्वाल -2
श्याम वरण मेरे मदन गोपाल ,
श्याम वरण मेरे मदन गोपाल ,
छोटी-छोटी गैयाँ …………
 
 
 
  स्वीटी राधिका राधे-राधे

 क्रम संख्या-४  
Maiyaa mori, main Nahin Makhan Khayo

Maiyaa mori, main Nahin Makhan Khayo...........

Bhor bhayo gaiyan ke paachhe, Madhuvan mohi pathayo .
chaar prahar vanshivat bhatakyo, saanjh pare ghar aayo ..
.. Maiya Mori .......... 1 ..

main baalak bahiyan ko chhoto, chhinko kehi vidhi paayo .
gwaal - baal sab bair pare hain, barbas mukh laptayo ..
.. Maiya Mori .......... 2 ..

Tu janani jiy kii ati bhori, inke kahe patiyaayo .
Jiya tere kachhu bhed upjihain, jaani parayo jaayo ..
.. Maiya Mori .......... 3 ..

yaha le apani lakuti kamariyaa, bahutahi naachh nachhaayo .
"Surdas" tab vihanshi Yashodaa, lai ur-kanth lagaayo ..
.. Maiya Mori .......... 4 ..



मैया मोरी, मैं नहिं माखन खायो

भोर भयो गैयन के पाछे, मधुवन मोहि पठायो ।
चार पहर वंशीवट भटक्यो, सांझ परे घर आयो ॥
॥ मैया मोरी .......... १ ॥

मैं बालक बहियन को छोटो, छींको केहि विधि पायो !
ग्वाल-बाल सब बैर परे हैं, बरबस मुख लपटायो !!
॥ मैया मोरी .......... २ ॥

तू जननी जिय  की अति भोरी , इनके कहे पतियायो !
यह ले अपनी लकुटि कमरिया , बहुतहि नाच नचायो !! 
॥ मैया मोरी .......... ३  ॥
 जिय तेरे  कछु भेद उपजिहै , जानि परायो जायो !
"सूरदास" तब विहंसि यशोदा, लै उर-कंठ लगायो !!
॥ मैया मोरी .......... ४   ॥
  स्वीटी राधिका राधे-राधे

क्रम संख्या-५ 
 कभी कभी भगवान को भी भक्तों से काम पडे,
जाना था गंगा पार प्रभू केवट की नाव चढ़े --२


अवध छोड़ प्रभु वन को आये,
सीया राम लखन गंगा तट आये ,
केवट मन ही मन हर्षाये , घर बैठे प्रभु दर्शन पाए,
हाथ जोड़ कर प्रभु के आगे केवट मगन खड़े,
जाना था गंगा पार प्रभू केवट की नाव चढ़े --२

*

प्रभु बोले तुम नाव चलाओ,
पार हमे केवट पहुंचाओ ,
केवट कहता सुनो हमारी,
चरण धूल की माया भारी,
मैं गरीब नैया मेरी माही ना होई पडे,
जाना था गंगा पार प्रभू केवट की नाव चढ़े --२

*

केवट दौड़ के जल भर लाया,
चरण धोये चरणामृत पाया,
वेद ग्रंथ जिस के यश गाये,
केवट उनको नाव चढाये,
बरसे फूल गगन से ऐसे भक्त के भाग बडे,
जाना था गंगा पार प्रभू केवट की नाव चढ़े --२

*

चली नाव गंगा की धारा,
सीया राम लखन को पार उतारा,
प्रभु देने लगे नाव उतराई केवट कहे नहीं रघुराई,
पार किया मैंने तुमको, अब तू मोहे पार करे,
जाना था गंगा पार प्रभू केवट की नाव चढ़े --२

*

 Kabhi Kabhi Bhagwan Ko bhi Bhagton se kaam pade,
Jana tha Ganga par prabhu Kevat ki naav chadhe --2


Avadh chhod prabhu van ko ayee,
Siya Ram Lakhan Ganga Tat ayee,
Kevat man hi man harshaye,
ghar baithe parbhu darshan payee,
Haath jod kar prabhu ke aage kevat magan khade,
Jana tha Ganga par prabhu Kevat ki naav chadhe --2

*

Prabhu bole tum naav chalao,
paar hame kevat pahunchao,
Kevat kehata suno hamari,
Charan dhul ki maya bhari,
Main garib naya meri mahi na hoi pade,
Jana tha Ganga par prabhu Kevat ki naav chadhe --2

*

Kevat daud ke jal bhar laya,
Charan dhoye charanamrit paya,
ved granth jis ke yaash gaye,
kevat unko naav chadhaye,
barse phool gagan se aise bhakt ke bhaag bade
Jana tha Ganga par prabhu Kevat ki naav chadhe --2

*

Chali naav Ganga ki Dharaa,
Siya Ram Lakhan ko paar utara,
prabhu dene lage naav utrai,
kevat kahe nahin Raghurai,
paar kiya maine Tumko,
Ab Tu mohe paar kare.
Jana tha Ganga par prabhu Kevat ki naav chadhe --२
  स्वीटी राधिका राधे-राधे
क्रम संख्या-६ 
बड़ी दूर नगरी-बड़ी दूर नगरी
कैसे आऊँ मैं कन्हाई तेरी गोकुल नगरी-बड़ी दूर नगरी ....


रात को आऊँ तो कान्हा डर मोहे लागे ,
दिन को आऊँ तो देखे सारी नगरी ,
बड़ी दूर नगरी-बड़ी दूर नगरी …

सखि संग आऊँ कान्हा लाज मोहे लागे ,
अकेली आऊँ तो भूल जाऊं डगरी ,
बड़ी दूर नगरी-बड़ी दूर नगरी …

धीरे-धीरे चलूँ कान्हा, कमर मोरी लचके ,
झटपट चलूँ तो ,छलके गागरी ....
बड़ी दूर नगरी-बड़ी दूर नगरी …

बाई मीरा कहे प्रभु गिरिधर नागर
तुम्हरे दर्शन बिना होगई बावरी ,
बड़ी दूर नगरी-बड़ी दूर नगरी …
 badi door nagari badi door nagari
kaise aaoon mein kanhai teri gokul nagari badi door nagari....


Raatko aaoon to kanha dar mohe laage,
din ko aaoo to  dekhe sari nagari,
badi door nagari -badi door nagari…

sakhi sang aaoon kanha laaj mohe laage,
akeli aaoon to bhool jaaon dagari,
badi door nagari - badi door nagari…

dhire dhire chaloon kanha kamar mori lachake,
jhatpat chaaloon to chhalke gagari....
Badi door nagari - badi door nagari…

bai meera kahe prabhu giridhar nagar
 
tumhare darshan bina hogai bavari,
badi door nagari - badi door nagari…


  स्वीटी राधिका राधे-राधे
 क्रम संख्या-७ 
इतना तो करना स्वामी, जब प्राण तन से निकले !
गोविन्द नाम लेके, तब प्राण तन से निकले !!

 
श्री गंगाजी का तट हो, जमुना का वंशीवट हो !
मेरा सांवला निकट हो, जब प्राण तन से निकले !!
पीताम्बरी कसी हो, छवि मन में यह बसी हो !
  होठों पे कुछ हंसी हो, जब प्राण तन से निकले !!
जब कंठ प्राण आये, कोई रोग ना सताये !
यम दरश ना दिखाए, जब प्राण तन से निकले !!
उस वक्त जल्दी आना, नहीं श्याम भूल जाना !
राधे को साथ लाना, जब प्राण तन से निकले !!
एक भक्त की है अर्जी, खुद गरज की है गरजी !
आगे तुम्हारी मर्जी जब प्राण तन से निकले !!

इतना तो करना स्वामी,जब प्राण तन से निकले
!!
  स्वीटी राधिका राधे-राधे
क्रम संख्या-८ 

प्रभुजी ! तुम चन्दन हम पानी
जाकी अंग-अंग बास समानी

प्रभुजी ! तुम घनवन हम मोरा
जैसे चितवत चन्द्र चकोरा
प्रभुजी ! तुम दीपक हम बाती
जाकी ज्योत बरे दिन राती
प्रभुजी ! तुम मोती हम धागा
जैसे सोने में मिळत सुहागा
प्रभुजी ! तुम स्वामी हम दासा
ऐसी भक्ति करे रैदासा 
प्रभुजी ! तुम  चन्दन हम पानी
जाकी अंग-अंग बास समानी 
Prabhu Ji ! Tum Chandan Ham Pani
Jaaki Anga-Anga Baas Samani
Prabhu Ji ! Tum ghanwan Ham Mora
Jaise Chitawat Chandra Chakora
Prabhu Ji ! Tum Deepak Ham Baati
Jaaki Jyot Bare Din Raati
Prabhu Ji ! Tum Moti Ham Dhaaga
Jaise Sone Men Milat Suhaga
Prabhu Ji ! Tum Swami Ham Daasa
Aisi Bhakti Kare RaiDasa
Prabhu Ji ! Tum Chandan Ham Pani
Jaki Anga-Anga Baas समानी
स्वीटी राधिका राधे-राधे
 क्रम संख्या-९
राधा ढूंढ़ रही किसी ने मेरा श्याम देखा !! 
श्याम देखा - घनश्याम देखा ! 
राधा ढूंढ़ रही किसी ने मेरा श्याम देखा !! 
राधा तेरा श्याम हमने मथुरा मैं देखा ! 
बंसी बजाते हुए ओ राधा तेरा श्याम देखा !! 
राधा ढूंढ़ रही किसी ने मेरा श्याम देखा !! 
राधा तेरा श्याम हमने गोकुल मैं देखा ! 
गैया चराते हुए ओ राधा तेरा श्याम देखा !! 
राधा ढूंढ़ रही किसी ने मेरा श्याम देखा !! 
राधा तेरा श्याम हमने वृन्दावन मैं देखा ! 
रास रचाते हुए ओ राधा तेरा श्याम देखा !! 
राधा ढूंढ़ रही किसी ने मेरा श्याम देखा !! 
राधा तेरा श्याम हमने गोवेर्धन मैं देखा ! 
गोवेर्धन उठाते हुए ओ राधा तेरा श्याम देखा !! 
राधा ढूंढ़ रही किसी ने मेरा श्याम देखा !! 
राधा तेरा श्याम हमने सर्वजन मैं देखा ! 
राधा राधा जपते हुए ओ राधा तेरा श्याम देखा !! 
राधा ढूंढ़ रही किसी ने मेरा श्याम देखा !! 
श्याम देखा - घनश्याम देखा ! 
ओ बंसी बजाते हुए ओ राधा तेरा श्याम देखा !!
स्वीटी राधिका राधे-राधे
 क्रम संख्या-१०
चरनन की रज पाऊं री किशोरी राधे-चरनन की रज पाऊं... 
श्याम राधिका गाऊं री किशोरी राधे -श्याम राधिका गाऊं...
बैठी रहों कुंजन के कोने-श्याम राधिका गाऊं री किशोरी राधे
चरनन की रज पाऊं री किसोरी राधे -श्याम राधिका गाऊँ...    
या छवि कूं सुर- नर- मुनि तरसे सोई छवि ह्रदय बसाऊं री किसोरी राधे 
सोई छवि दर्शन पाऊं ...चरनन की रज पाऊं री किशोरी राधे 
चरनन की रज पाऊं ...  नित प्रति टेर लगाऊं री किसोरी राधे 
श्यामाजू तेरे द्वारे आऊं री किसोरी राधे -श्याम राधिका गाऊँ री किसोरी राधे 
व्यास स्वामिनी कि छवि निरखत नित-प्रति आनंद पाऊँ री किसोरी राधे 
श्याम राधिका गाऊँ री किसोरी राधे -चरनन कि रज पाऊँ री किसोरी राधे
स्वीटी राधिका राधे-राधे
राधे-राधे-श्याम-श्यामा-राधे-राधे-श्यामा-श्याम
स्वीटी राधिका राधे-राधे
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